DELHI POLICE: दिल्ली पुलिस अब राजधानी और आसपास के राज्यों में सक्रिय गैंगस्टरों पर नकेल कसने के लिए एक बड़ी रणनीतिक तैयारी कर रही है हाल के महीनों में लगातार दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल क्राइम ब्रांच द्वारा हुई सघन छापेमारी और एनकाउंटर कार्रवाइयों के बाद अब पुलिस इन अपराधियों के खिलाफ संरचनात्मक और कानूनी स्तर पर पुख्ता कदम उठाने जा रही है
🧩 बनेगी “मकोका यूनिट”
पुलिस सूत्रों के अनुसार, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब के गैंगस्टरों पर लगाम कसने के लिए स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच की तर्ज पर एक अलग “मकोका यूनिट” बनाए जाने की तैयारी शुरू हो चुकी है
उच्च स्तरीय अधिकारियों की इस विषय पर बैठक भी हो चुकी है यह यूनिट राजधानी में संगठित अपराध, रंगदारी और गैंग नेटवर्क के खिलाफ लक्षित कार्रवाई करेगी
🔍 क्यों जरूरी पड़ी यह यूनिट?
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक,
“करीब दो दशक पहले दिल्ली में गिने-चुने ही बड़े बदमाश थे — जैसे किशन पहलवान, नीतू दाबोदिया या अशोक प्रधान लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में सौ से ज्यादा बड़े गैंगस्टर सक्रिय हैं।”
इन गिरोहों का नेटवर्क अब देश और विदेश तक फैला हुआ है कई गैंगस्टर विदेश से फोन कर रंगदारी मांग रहे हैं,जबकि बड़ी संख्या में अपराधी जेल से ही अपना नेटवर्क चला रहे हैं
राजधानी में कुछ मामलों में पुलिस और अपराधियों के गठजोड़ की बातें भी सामने आई हैं — यही वजह है कि अब एक समर्पित यूनिट की जरूरत महसूस की जा रही है
⚖ क्या है मकोका कानून?
महाराष्ट्र सरकार ने 1999 में मुंबई के अंडरवर्ल्ड और संगठित अपराध को खत्म करने के लिए महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट (MCOCA) लागू किया था
इसी मॉडल को देखते हुए 2002 में दिल्ली में भी मकोका कानून लाया गया।
इस कानून का उद्देश्य संगठित अपराध, गैंगस्टर नेटवर्क और अंडरवर्ल्ड फाइनेंसिंग को जड़ से खत्म करना है।
वर्तमान में यह कानून केवल महाराष्ट्र और दिल्ली में लागू है।
🧨 आने वाले दिनों में
नई मकोका यूनिट के बनने के बाद दिल्ली पुलिस को उम्मीद है कि वह गैंगस्टर नेटवर्क की जड़ों तक पहुंच सकेगी,
जेल से चल रहे रंगदारी रैकेट पर लगाम लगाएगी,
और पड़ोसी राज्यों से जुड़े अपराध सिंडिकेट्स पर सामूहिक कार्रवाई कर पाएगी,यह कदम राजधानी में बढ़ते गैंगस्टरिज्म के खिलाफ एक सर्जिकल स्ट्राइक जैसा अभियान साबित हो सकता है



